आईएससी और सीबीएसई की परीक्षाएं कराना जोखिम भरा, अभिभावक कर रहे टालने की मांग

सीबीएसई और आईएससी की छूटी हुई परीक्षाएं जुलाई में कराने की तैयारी है।
आईएससी और सीबीएसई भले ही जुलाई में छूटी हुई बोर्ड परीक्षाएं कराना चाह रहा है, लेकिन, छात्र और अभिभावक इसके लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं। अभिभावक इसको लेकर चिंतित भी हैं। वह इसे टाले जानी की मांग कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि हमारे बच्चों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा? एक बच्चा या परीक्षक, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है, लेकिन उसमें लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, पूरी कक्षा के बच्चों को संक्रमित कर सकता है। चार घंटे तक एक ही कमरे में रहने से संक्रमण का खतरा भी बहुत ज्यादा रहेगा।
एक अन्य अभिभावक ने कहा कि जरूरी सामान की कमी के अलावा, अगर हालात और खराब हो गए तो क्या होगा? बच्चे फिर से तैयारी करेंगे और अंतिम समय में परीक्षा (फिर से) रद्द हो जाएगी। हमारे बच्चों के दिमाग पर इसका क्या असर होगा? यह देखते हुए कि हालात में सुधार की गुंजाइश कम है, पंजाब, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इस वर्ष छात्रों की 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।
बता दें कि सीबीएसई और आईएससी की छूटी हुई परीक्षाएं जुलाई में कराने की तैयारी है। इसका कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। सीबीएसई ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षा के पैटर्न में भी कुछ बदलाव किए हैं। सीबीएसई में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा एक से 15 जुलाई तक होनी है। लेकिन जिन स्कूलों के पास मूलभूत संरचना नहीं है, उन स्कूलों में केंद्र नहीं बनाया जायेगा। स्कूल अगर केंद्र नहीं रखना चाहते तो इसकी जानकारी 15 जून तक बोर्ड को दे देनी है। इसके बाद 16 जून को परीक्षा केंद्र निर्धारित कर दिया जायेगा। परीक्षार्थियों को 18 जून को परीक्षा केंद्र की जानकारी दे दी जायेगी।