October 7, 2020

आजाद भारत के साथ रखी शिक्षित समाज की नींव

दुर्गावती वोहरा को भारत की अग्नि भी कहा जाता है. आज़ादी की लड़ाई में भाग लेकर अंग्रेजों को थर्राने वाली महिलाओं में इनका नाम आता है. बाईं तरफ उनकी एक पुरानी तस्वीर. दाईं तरफ उनके आखिरी दिनों से कुछ पहले की तस्वीर.

LUCKNOW. देश की स्वतंत्रता के लिए अनेकों सपूतों ने न सिर्फ अपने प्राणों की आहूति दी बल्कि अपने सपने का हिन्दुस्तान बनाने के लिए समाज के हर क्षेत्र को बेहतर करने का प्रयास भी किया। देश की आजादी की लड़ाई के साथ स्वतंत्र भारत की नींव रखने में ऐसा ही एक नाम है वीरांगना दुर्गा देवी बोहरा का, जिन्हें सभी क्रांतिकारी दुर्गा भाभी के नाम से संबोधित करते थे। बुधवार को दुर्गा भाभी के जन्मदिन पर उनके द्वारा स्थापित विद्यालय लखनऊ मांटेसरी इंटर काॅलेज में आयोजित स्मृति कार्यक्रम में न सिर्फ उनको याद किया गया, बल्कि उनके बताये आदर्श को आत्मसाथ करने का भी प्रण लिया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं आर्य प्रतिनिधि सभा के पूर्व प्रधान देवेंद्र पाल वर्मा ने कहा कि दुर्गा भाभी ने न सिर्फ आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया बल्कि स्वतंत्र राष्ट्र निर्माण का खाका भी खींचा। उनका मानना था कि शिक्षा के माध्यम से ही लोकतांत्रिक भारत के राष्ट्रवादी चरित्र का निर्माण एवं विकास किया जा सकता है।


विरासत में मिली क्रांतिकारी विचारों की शिक्षा: कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं दुर्गा भाभी के पौत्र जगदीश नारायण भट्ट ने कई संस्मरण साझा किये। अपने जनेऊ संस्कार को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी बुआ दादी (दुर्गा भाभी) ने उन्हें भिक्षा स्वरूप कुछ पुस्तकें और स्वयं के क्रांतिकारी विचार प्रदान किये थे। कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार श्रीप्रकाश ने दुर्गा भाभी के गृह जनपद के स्मरणों और उनकी जीवन यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। विद्यालय के पूर्व प्रबंधक अशोक चैबे और शिक्षक अरविंद सिंह ने विद्यालय के माध्यम से दुर्गा भाभी के सिद्धांतों को जनजन तक पहुंचाने के संकल्प को दोहराया। समारोह में अजय श्रीवास्तव, प्रिंसपल प्रशांत मिश्र के साथ शिक्षक एवं कर्मचारीगण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका वत्सला पांडेय ने किया।

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