सीबीएसई की परीक्षाओं में नहीं होगा कोई बदलाव

Special Report by Adarsh Singh
LUCKNOW. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की प्रयोगात्मक और बोर्ड परीक्षाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। सीबीएसई की परीक्षाएं पूर्व की तरह संचालित की जाएंगी। छह महीने से स्कूल पूरी तरह से बंद होने के कारण कयास यहीं लगाया जा रहा था कि परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव किया जा सकता है। लेकिन बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार व्यवस्था में बदलाव के साथ परीक्षाएं पूर्व के भांति ही होगीं।
सीबीएसई की प्रयोगात्मक और बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कोरोना को देखते हुए जारी एसओपी के अनुसार केवल व्यवस्थाएं बदली रहेंगी। बाकी परीक्षाएं पूर्व की भांति ही छात्रों को देनी होगी। कोरोना के कारण अभी भी स्कूल पूरी तरह से खुले नहीं हैं। दिवाली के बाद कुछ स्कूलों में कक्षाएं शुरू हुई लेकिन सही से नहीं चल पा रहीं हैं। अभिभावकों और छात्रों को उम्मीद थी कि इस बार परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया जा सकता है। छात्रों को यह भी लग रहा था कि ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन परीक्षा ली जाएंगी। साथ ही यह भी मानकर चल रहे थे कि हो सकता है कि इस बार प्रयोगात्मक परीक्षाएं ही ना हो। लेकिन बोर्ड ने ऐसे सभी आशंकाओं पर विराम लगा दिया है। बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यवस्था बदली रहेगी परीक्षा वहीं रहेगी। सीबीएसई के क्षेत्रीय संबंध में डॉ जावेद आलम खान ने बताया कि पहले प्रयोगात्मक परीक्षा होगी बाद में बोर्ड परीक्षाएं होंगी। प्रयोगात्मक परीक्षा पूर्व की भांति लैब में ही ली जाएंगी। पहले की तरह ही एग्जामिनर आएंगे और प्रैक्टिकल लेंगे। इस दौरान उन्हें उसकी फोटो खींचकर तत्काल सीबीएसई की वेबसाइट पर अपडेट करना होगा। इसके लिए जल्द ही एक हफ्ते के अंदर बोर्ड प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा के संबंध में कार्यक्रम व जानकारी उपलब्ध करा देगा। प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा दोनों को संचालित करने को लेकर एसओपी भी जारी होगी।
व्यवस्था में क्या-क्या होगें बदलाव
परीक्षा की व्यवस्था में इस बार बदलाव देखने को मिलेंगे। बोर्ड द्वारा एसओपी जारी की जाएगी। इस बार परीक्षा कक्ष में छात्रों की संख्या आधी हो जाएगी। कंपार्टमेंट परीक्षा में इसका एक्सपेरिमेंट हो चुका। कक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत ज्यादा से ज्यादा 12 छात्र ही रहेंगे। परीक्षा केंद्र पर आइसोलेशन रूम भी रहेगा ताकि यदि किसी की तबीयत खराब हो तो उसे तत्काल आइसोलेट किया जा सके। इस कारण परीक्षा केंद्रों की संख्या भी दोगुनी रहेगी।