July 4, 2021

विवि में नहीं मिला अध्यक्षी का टिकट, आज ले रहें मुख्यमंत्री पद की शपथ

 

नीरज सिंह, लखनऊ 

-लखनऊ में बूथ एजेंट से लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तक का सफर

Lucknow : लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र पुष्कर सिंह धामी रविवार को जब उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले रहे होंगे तो उनके जहन में वो सैकड़ों यादें होंगी जिनकी खुशबू में लखनऊ की मिट्टी की महक होगी। पुष्कर सिंह धामी की जन्मस्थली भले ही पिथौरागढ़ में हुआ हो लेकिन राजनीति का ककहरा उन्होंने लखनऊ में ही सीखा। लखनऊ विश्वविद्यालय में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के बैनर तले से इकाई मंत्री से छात्र राजनीति का सफर शुरू किया। पुष्कर सिंह धामी के छात्र जीवन के कई साथियों ने http://www.lucknowbeats.com के साथ उनसे जुड़े कई किस्से साझा किये हैं।

आचार्य नरेंद्र देव हास्टल, कमरा नंबर 119
लखनऊ विवि के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. नीरज जैन बताते हैं कि पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 1994 में विवि में दाखिला लिया था। वह आचार्य नरेंद्र देव हास्टल के कमरा नंबर 119 में रहा करते थे। एबीवीपी के सक्रिय सदस्य होने के नाते वह छात्र हित से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाते थे। उस समय उत्तराखंड के कई छात्र आचार्य नरेंद्र देव हास्टल में ही रहते थे। हास्टल में उनके साथी और विवि के छात्र हरि सिंह भंडारी आज भी पुष्कर सिंह धामी के सहयोगी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।

एमबीए की पढ़ाई करने वाला छात्र नेता
वर्ष 1994 से 1997 तक बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विवि से प्रतिष्ठत एमबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। डाॅ. नीरज जैन बताते हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय का एमबीए पाठ्यक्रम की पूरी देश में साख है। नवनियुक्त मुख्यमंत्री जी ने यहां से मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबंध में एमबीए किया है। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1997 में एलएलबी में प्रवेश लिया। साथ ही साथ उन्होंने डिप्लोमा इन पब्लिक एडमिनिस्टेशन की डिग्री भी विवि से प्राप्त की है।

विवि में शुरू की शाखा
विवि छात्र संघ के पूर्व महामंत्री दयाशंकर सिंह बताते हैं कि वर्ष 1997 में मुंबई में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद का स्वर्ण जयंती समारोह था। उसमें हम लोगों के साथ पुष्कर सिंह धामी भी हमारे साथ गए थे। विवि में एबीवीपी के कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने यहां संघ की शाखा लगानी शुरू की। उनके दौरान ही 15 हजार से ऊपर कार्यकर्ताओं की संख्या हो गई थी।

लविवि के छात्रो के साथ पुष्कर सिंह धामी

बुरके में वोट डालने आ गए पुरूष से संग हुआ विवाद
लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष बजरंगी सिंह ’बज्जू’ बताते हैं कि वर्ष 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के चुनाव के दौरान विधार्थी परिषद के कार्यकर्ता के नाते उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। बज्जू याद करते हुए बताते हैं कि हम लोगों को नदवा काॅलेज में बूथ प्रभारी बनाया गया था। वहां पर कई पुरूष बुरका पहन कर वोट डालने आ पहुंचे। हम लोगों को शक हुआ तो हमने इसका विरोध किया और इसकी शिकायत की। इस दौरान हमारी उन लोगों से झड़प भी हुई और पुलिस ने हमें दौड़ा लिया। आट्र्स काॅलेज से होते हुए हम विवि परिसर पहुंचे और वरिष्ठों को बताकर इस गड़बड़ी को दूर कराया।

नहीं मिला अध्यक्षी का टिकट
लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व महामंत्री शिवभूषण सिंह बताते हैं कि पुष्कर जी वर्ष 1994 से ही छात्र राजनीति में एबीवीपी के कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय रहे और उस समय के प्रभारी नरेंद्र जी के समय विवि में इकाई प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह बताते हैं कि छात्र राजनीति में रहते हुए भी वह चुनाव लड़ने नहीं लड़वाने में दिलचस्पी रखते थे लेकिन साथियों के कहने पर उन्होंने वर्ष 2000 में छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए टिकट मांगा, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका। शिवभूषण सिंह बताते हैं कि उस वर्ष मुझे महामंत्री पद के लिए परिषद की तरफ से टिकट मिला था और पुष्कर जी ने हर तरह से चुनाव में मेरी मदद की थी।

दलगत राजनीति से बढ़कर रहा साथ
छात्र संघ के पूर्व महामंत्री एवं वरिष्ठ सपा नेता अनिल सिंह वीरू बताते हैं कि पुष्कर सिंह धामी छात्र हितों को लेकर पूरी तरह सजग रहते थे। वह वक्त की नब्ज को पकड़ने वाले व्यक्ति हैं, उनका यह नेचर उनको काफी आगे तक लेकर जाएगा।

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