69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में ठेकेदारों से दूर रहें अभ्यर्थी: बेसिक शिक्षा मंत्री

लखनऊ : बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में कुछ राजनीतिक दलों और मीडिया संस्थानों को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल और मीडिया संस्थान युवाओं को भरमाकर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं और गैरकानूनी रूप से नौकरी दिलाने का ठेका लिया है. इन लोगों ने इसी नाम पर युवाओं से चंदा इकट्ठा किया है और सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. यह साजिश किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दी जाएगी.
यह बातें उन्होंने आज पत्रकारों से बातचीत में कहीं.
23000 पदों का नहीं हो सकता समायोजन
डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि हर भर्ती की सेवा शर्तें अलग-अलग होती हैं. किसी भी विभाग में भर्ती के पूर्व जिन नियमों के तहत आवेदन मांगे जाते हैं, उसे न भर्ती प्रक्रिया के दौरान बदला जा सकता है और न भर्ती प्रक्रिया पूरी के बाद. इसी आधार पर 69 हजार शिक्षक भर्ती में 23 हजार पदों पर समायोजन कानूनी रूप से नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है. इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी और एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. पिछड़ा वर्ग के 12,630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी दक्षता के आधार पर चयनित हुए हैं, लेकिन अपनी दुकान चलाने के लिए कुछ लोग युवाओं को भरमाकर गैरकानूनी कार्य के लिए धरना दिला रहे हैं. भर्ती प्रक्रिया में कोई भी संशोधन या बदलाव कानूनी रूप से संभव नहीं है. इन तथ्यों को जानते हुए भी कुछ शरारती तत्व और दल महज अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. पिछले सवा चार साल के कार्यकाल में सरकार ने पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से सिर्फ मेरिट के आधार पर भर्तियां की हैं. आगे भी ऐसा ही होगा.
निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से दी जाएगी नौकरी
उन्होंने कहा कि सरकार पूरे मामले में संवदेनशील है. उन्होंने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से अपील की है कि वह घर जाएं और पढ़ाई करें. विभाग में जैसे ही अगला विज्ञापन नौकरी के लिए आता है, आवेदन करें. मेरिट के आधार पर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से उन्हें नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मिशन रोजगार के तहत सवा चार लाख युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है. जबकि उन्होंने एक राष्ट्रीय पार्टी का बिना नाम लिए कहा कि उनकी मुखिया हाल ही में यहां राजनीतिक टूरिज्म के लिए आई थीं और नौकरी मांगने राजस्थान से युवाओं को यहां आना पड़ा. यह कैसी राजनीति है? उनको जवाब देना चाहिए.